पती- पत्नी का विवाद पहुंचा कोर्ट में, हत्या से लेकर चोरी तक जुड़े तार

Mira Road: आज भी भारत देश में महिलाएं सुरक्षित नहीं है, उन पर कई वर्षों से जुल्म होता आया है और आज भी हो रहे है. ऐसा ही एक मामला हाल ही में सामने आया. मिरा रोड में रश्मि क्रिशटल साई कॉम्पलेक्स में रहने वाली शीतल सोनानी ने जनक्लयाण सेवा के संवादाता को आपबीती बात बताई, की मेरी शादी अरुण लक्षमण सोनानी के साथ 2006 में दुसरी बार शादी हुई थी. उसके कुछ समय बाद शीतल का मंगलसुत्र चोरी हो गया था, उसकी शिकायत कनकिया पुलिस स्टेशन में की गई थी जिसके बाद कनकिया पुलिस ने अपने मेहनत से चोर को पकड़ा, और चोरी करने वाली शीतल की पड़ोसी विठ्ठल लाठिया की लड़की रिंकु विठ्ठल लाठिया थी, जिसके बाद पुलिस के मदद से शिलत को उसका मंगलसुत्र वापिस मिल गया. तबसे लगातार शीतल अपने पति के जुल्म सह रही है, आपको बता दे कि शादि के कुछ समय बाद ही जहा हर पति पत्नी खुशी से रहते है, वही शीतल पर उसके पति अरुण का दुखों का पहाड़ टुट गया जब शादि के एक हफ्ते बाद ही अरुण ने नशे की हालात में शीतल पर हाथ उठाना शुरु कर दिया था. यह सब शीतल इसलिए सह रही थी क्योंकी वह अपनी दुसरी शादी को बचाना चाह रही थी.

इन सब के चलते शीतल के पेरो तले जमीन खिसक गई जब उसे 2013 में यह पता चला कि उसके ससुर की लाश उसी के फार्म हाउस गाव डहाणू में खटिया से बंधि हुई मिली, जिसके बाद पुलिस ने छान-बिन कर केस को रफा दफा कर दिया, लेकिन शीतल को यह शक है कि उसके ससुर की हत्या उसके पति (अरूण) ने करवाई थी ऐसा शीतल ने हमको बताया है और साथ ही वो चाहती है कि इस केस को फिरसे खोला जाएं और उनके ससुर का मर्डर केस निष्पक्ष तरह से जांच हो जहां पुलिस असली कातिल तक पहुंच सके. उसके सुसर का असली कातिल आज भी सरेआम घुम रहा है.

एक दिन जब शीतल के घर कोर्ट का नोटिस आय तो शीतल को पता चला की उसके पति (अरूण) ने कोर्ट में डाइवोर्स फाइल किया है, इससे पहले शीतल को इस बात की भनक तक नहीं पड़ी. वह कभी अपने पति से डाइवोर्स लेना ही नहीं चाहती थी पर उसपर डाइवोर्स को लेकर दबाव डाला जा रहा था, यह बात उसने कोर्ट में जज को भी बताया. जिसके बाद उन्हें मजबुरी में डाइवोर्स लेना पड़ा. शीतल की वकील शैलजा विजयन उनका केस लड़ रही थी जोकी शीतल की ही सोसाइटी में ही रहती है. कुछ समय से शैलजा ने शीतल का फोन उठाना बंद कर दिया है. शीतल का ऐसा मानना है कि, फिस लेने के बावजुद भी की उसके पति (अरूण) के वजह से वह (शैलजा) उसका फोन नहीं उठा रही हैं. उस वकील से परेशान होकर शीतल ने दुसरे वकील ऐडगर ब्रिगेंझा के पास जा पहुंची जहां उन्होंने अपना केस उनको दिया, ब्रिगेंझा ने उनको आशवासन दिया की कानुनी तौर पर उन्हें (शीतल) न्याय दिलाने में पुरी मदद करेंगे. उस समय जज भाटिय के अंडर केस नं 227/2014 2017 में मिले डाइवोर्स केस में 15 लाख रुपये पास हुआ था, वो भी आज तक उनके पति द्वारा नहीं दिया गया. शीतल ने 2014 में 498-A का केस दर्ज किया था, जिसकी आज तक कुोई सुनवाई नहीं हुई और पुलिस व कोर्ट से कोई जानकारी नहीं मिल रही है. 2014 से लेकर 2023 तक शीतल को इस केस को लेकर काफी परिशानी उठानी पड़ रही है पर उन्हें कोई न्याय नहीं मिल रहा है.

ऐसे हुआ शीतल पर अत्यचार
शीतल के पति ने उन्हें जबरदस्ती घर से निकाला था जिसके बाद वह कई दिनों तक माइके न जाकर बिल्ड़िग में ही दुसरो के घरों में रहती रही, फिर जब यह मामला कोर्ट में जा पहुंचा तो कोर्ट ने केस नं 96/2015 के तहत शीतल को अपने घर में रहने के लिए फैसला सुनाया था, फिरभी शितल के पति ने उसको जबरदस्ती घर से निकाला और कोर्ट के आदेशों का उलघ्घन किया. पति अरून, विठ्ठल व बाकी सोसाइटी वाले शीतल को अपने ही घर में नहीं रहने दे रहे है. इसके वजह से शीतल की लड़ाई अभी तक जारी की, कि कैसे कोर्ट के आदेशों के खिलाफ जाकार उनसे उनके घर की छत छिन गई है.

कोर्ट के आदेश के अनुसार शीतल अपने घर मिरा रोड में अपनी लड़की (16 वर्ष) के साथ फ्लेट के एक रुम में रह रही थी, उस दौरान 3 नवंबर 2018 में एक दिन सुबह 9 बजे अचानाक से 5 लोग घुसे थे उनके साथ बिल्डिंग का सेक्रिटरी गोर्धन कथिरिया भी था, जिसके बाद जब शीतल ने केस दर्ज करने गई थी, लेकिन नया नगर पुलिस स्टेशन में पुर्व नगर सेवक अनिल विरानी ने दबाव डाल कर शीतल की शिकायत दर्ज होनी नहीं दी ऐसा हमे शीतल ने बताया. अनिल विरानी शीतल के वॉर्ड का नगर सेवक है, उसने महिला की मदद के बजाए उनकी आवाज दबाने की कोशिश की.

इंडिया को छोड़ने पर मजबुर हुई शीतल
शीतल को आज भी धमकी भरे अलग-अलग नं से फोन आते है, जिसके चलते शीतल को डर है, उसका पति उन्हें और उसकी बेटी को मरवा सकते है. इसी डर के चलते शीतल ने इंडियो छोड़ कैनेड़ा चली गई. 2006 से शुरू हुई शीतल की लड़ाई अभी तक जारी है.

 

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