पुणे शहर में शिक्षकों पर अत्याचार, शिक्षा विभाग ने किया नजरअंदाज!

Pune News: पुणे शहर में शिक्षकों पर अत्याचार हो रहा है, लेकिन शिक्षा विभाग इसे नजरअंदाज कर रहा है, अत्याचार का मामला दर्ज होने के बावजूद आरोपी अभी भी फरार है।

पुणे शहर को शिक्षा के घर के रूप में जाना जाता है और इस शहर में स्वर्गीय अंबरचंदजी मुनोत शिक्षा संस्थान, मुनोत प्राइमरी स्कूल और स्वर्गीय श्रीमती ज़ुम्बरबाई मुनोत माध्यमिक विद्यालय कटराज पुणे इस संस्था के संस्थापक हैं, अशोक मुनोत, सचिव निखिल मुनोत, प्रिंसिपल सुरेखा सुतार पिछले 10 से 12 वर्षों से कर्मचारियों का शारीरिक, मानसिक, आर्थिक शोषण कर रही हैं।

इस अन्याय के विरुद्ध दिनांक 17-05-2023 को शिक्षा विभाग को शिकायती आवेदन, निवेदन एवं अनुस्मारक देने के बाद भी शिक्षा विभाग ने आज तक कोई संज्ञान नहीं लिया और न ही कोई कार्यवाही कर रहा है। अंतत: सभी कर्मचारियों ने इस अन्याय, साथी शिक्षक मल्लिकार्जुन वाडेकर पर जाति आधारित अपमान, जबरन मजदूरी, प्रति माह वेतन का 10 प्रतिशत की मांग, जाति आधारित अपमान, अभद्र व्यवहार, बर्खास्तगी की धमकी, गैर शैक्षणिक कार्य जैसे मामले के खिलाफ लड़ाई लड़ी भारती विश्वविद्यालय पुलिस स्टेशन में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम, 1989 के तहत अत्याचार का मामला दर्ज किया गया है।

शिक्षक वाडेकर मल्लिकार्जुन ने थाने में शिकायत दर्ज कराई है और तीनों संस्थापक अध्यक्ष अशोक मुनोत, सचिव निखिल मुनोत और प्रधानाध्यापिका सुरेखा सुतार के खिलाफ अत्याचार का मामला दर्ज किया गया है. उक्त स्कूल का स्टाफ पिछले एक साल से शिक्षा विभाग से न्याय की मांग कर रहा है, लेकिन शिक्षा विभाग जानबूझकर इसे नजरअंदाज कर रहा है. सभी कर्मचारियों का कहना है कि संस्थापक, सचिव और प्राचार्य के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. अब क्या शिक्षा विभाग शिक्षा अधिकारी, निदेशक उपनिदेशक द्वारा संस्था एवं विद्यालय पर प्रशासक नियुक्त कर कर्मचारियों के साथ किये जा रहे अन्याय एवं विद्यालय में किये जा रहे अवैध कार्यों, अवैध फीस वसूली पर संज्ञान लेगा?

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